अयोध्या। सुचेता कृपलानी देश की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी एवं राजनीतिज्ञ थीं। वे भारत की प्रथम महिला मुख्यमंत्री बनीं। यह बातें उ0प्र0 सिन्धी युवा समाज के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश ओमी ने श्रीमती कृपलानी की 111वीं जयन्ती के अवसर पर रामनगर कालोनी में आयोजित एक गोष्ठी में कहीं। उन्होंने कहा कि श्रीमती कृपलानी प्रशासनिक फैसले लेते समय वह दिल की नहीं दिमाग से सोचती थीं। उनके मुख्यमंत्रित्व काल में राज्य के कर्मचारियों ने कई दिनों तक हड़ताल जारी रखी लेकिन वह अपने निर्णय पर अडिग रहीं। उन्होंने कहा कि श्रीमती कृपलानी के निधन के बाद अपने शोक संदेश में इन्दिरा गाॅंधी ने कहा कि सुचेता जी ऐसे दुर्लभ साहस और चरित्र की महिला थीं, जिनमें भारतीय महिलाओं को सम्मान मिलता है। गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहीं उ0प्र0 सिन्धी महिला सभा की प्रदेश अध्यक्ष मुस्कान सावलानी ने कहा कि श्रीमती कृपलानी राष्ट्रपिता महात्मा गाॅंधी के बेहद करीबी थीं। वे उन चन्द महिलाओं में शामिल हैं जिन्होंने बापू के करीब रहकर देश की आजादी की नींव रखी। गोष्ठी का संचालन कर रहे पूज्य सिन्धी सेन्ट्रल पंचायत के महासचिव अशोक मदान सुखी ने कहा कि श्रीमती कृपलानी उ0प्र0 की मुख्यमंत्री बनने से पहले वह लगातार दो बार लोकसभा के लिये चुनी गयीं। गोष्ठी के पूर्व श्रीमती कृपलानी के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पाजंलि अर्पित की गयी। इस मौके पर हरीश सावलानी, मुक्ता मंध्यान, पूनम आडवाणी, उमेश संगतानी, एकता जीवानी, बबिता चावला, बन्टी माखेजा, महेश खटवानी, बबिता माखेजा आदि ने अपने-अपने विचार रखे।
प्रथम महिला मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी की मनाई जयंती
35
previous post