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नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि को 5 करोड़ की धनराशि आवंटित

एक्रीडिएशन का लम्बित प्रकरण अब समाप्ति की ओर

अयोध्या। नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज के एक्रीडिएशन का लम्बित प्रकरण अब समाप्ति की ओर है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली ने इस विश्वविद्यालय के एक्रीडिएशन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए विश्वविद्यालय को 5 करोंड की धनराशि आवंटित कर दी है। धन आवंटन की सूचना कुलपति प्रो जे एस संधू को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा दे दी गई है। कुलपति प्रो संधू ने कार्यभार गर्न करते ही एक्रीडिएशन को अपनी विशेष प्राथमिकता बताया था तथा इस पर कार्य भी प्रारम्भ कर दिया था। कुलपति द्वारा विश्वविद्यालय के एक्रीडिएशन के लिए अधिष्ठाता पशु चिकित्सा एवं पशुपालन डॉ हरनाम सिंह की अध्यक्षता में बनी समिति के लगातार भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में प्रस्तुति के बाद तथा कुलपति प्रो जे एस संधू की मजबूत पैरवी के चलते विश्वविद्यालय को यह सफलता मिली है। 5 करोङ की धनराशि को विभिन्न मदों में व्यय करने का कैलेंडर भी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा भेज गया है। डॉ हरनाम सिंह के अनुसार कैलेंडर अनुसार धनराशि व्यय होना प्रारम्भ होने के बाद ही विश्वविद्यालय के एक्रीडिएशन के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से गठित एक्रीडिएशन समिति विश्वविद्यालय का दौरा करने का कार्यक्रम भेजेगी जिसकी रिपोर्ट पर विश्वविद्यालय अपनी स्थापना के बाद एक नया इतिहास रचेगा। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से मिलने वाली विशेष आर्थिक सहायता से 7 स्मार्ट क्लासरूम बनाये जाएंगे। प्रयोगशालाओं का सुदृढ़ीकरण, विकलांगों के लिए जगह जगह रैम्प व प्रक्षेत्रों को संसाधन युक्त बनाने के लिए धन की व्यवस्था दी गई है। विश्वविद्यालय के शिक्षकों, छात्रों के लिए प्रशिक्षण, सेमिनार,सिम्पोजिया जैसे कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने के लिए भी धन की व्यवस्था की गई है। विद्यार्थियों को देश के महत्वपूर्ण शैक्षिक व शोध संस्थानों का भृमण कराने में धन की बाधा भी इसके बाद समाप्त हो जाएगी। विद्यार्थियों के बाह्य भृमण से उनमें शोध के प्रति लगाव पैदा होगा और वे राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने की संभावनाओं का बल हासिल कर सकेंगे साथ ही कौशल विकास के माध्यम से स्वरोजगार सृजन की पृथिभूमि तैयार कर सकेंगे। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के इस आर्थिक सहयोग की बदौलत विश्वविद्यालय के शिक्षक व वैज्ञानिक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण के लिए भेजे जा सकेंगे जिससे उनकी कार्यछमता को अद्यतन किया जा सकेगा। डॉ हरनाम सिंह ने बताया कि एक्रीडिएशन के समस्त अभिलेख इस आधार पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद को प्रेषित कर दिए गए हैं। एक्रीडिएशन में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए डॉ हरनाम सिंह व उनके साथ के वैज्ञानिकों की टीम डॉ डी नियोगी,डॉ नमिता जोशी व डॉ सत्यब्रत सिंह को इस सफलता के लिए कुलपति प्रो जे एस संधू ने बधाई दी है साथ ही कहा है कि इस बार के प्रयास में विश्वविद्यालय का एक्रीडिएशन होना लगभग निश्चित है।

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