अवध विवि में विशेष व्याख्यान का हुआ आयोजन
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के संत कबीर सभागार में दिनांक 21 सितम्बर, 2020 को सायं 4 बजे सोशल डिस्टेंसिंग के साथ नई शिक्षा नीति-2020 विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति भारतीय सामाजिक मूल्यों एवं मान्यताओं के काफी करीब है। इसका उद्देश्य राष्ट्र के निर्माण में ऐसे नागरिकों को तैयार करना है जो भारतीय संस्कृति के अनुरूप मौलिक चिंतन और शोध की दिशा में सार्थक योगदान कर सके। भारतीय ज्ञान परम्परा और आधुनिक शिक्षा व्यवस्था के उचित समन्वय के साथ नई शिक्षा नीति बड़े स्तर पर प्रतिभावान एवं योग्यतावान वर्ग को तैयार करने में सक्षम सिद्ध होगी। कुलपति प्रो0 सिंह ने बताया कि नई शिक्षा नीति के समक्ष निश्चित रूप से अनेक चुनौतियां है जिसे जनजागरूकता के माध्यम से दूर करना है। नई शिक्षा नीति में शिक्षकों का दायित्व बेहद महत्वपूर्ण है जिसे बखूबी निर्वहन करना होगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर ने नई शिक्षा नीति के बारे विस्तार से बताते हुए कहा कि वर्षो से चली आ रही लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति को समाप्त करने और भारतीय शिक्षा नीति को आत्मसात करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि इस नई शिक्षा नीति से छात्रों को बहुत कुछ सीखने का अवसर मिलेगा। इसमें छात्रों की प्रतिभायें निकल सामने आयेगी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का किसी भी राज्य सरकार ने विरोध नहीं किया है और सभी इसको लागू करने लिए संकल्पित है।
विश्वविद्यालय के मुख्य नियंता प्रो0 अजय प्रताप सिंह ने सरकार द्वारा लागू नई शिक्षा नीति का स्वागत करते हुए इसे मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि पूर्व की शिक्षा नीति लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति पर आधारित थी। इसी कारण भारत को अपेक्षित लाभ नही मिल सका। नई शिक्षा नीति भारत की आवश्यकताओं के अनुरूप रोजगारपरक व्यवस्था पर आधारित है। नई शिक्षा नीति में छात्रों की क्षमता का सदुपयोग करना है और उन्हे उनकी प्रतिभा के अनुरूप जीवन क्षेत्र के चुनाव में सहयोग प्रदान करना है। नई शिक्षा पद्धति में नैतिक मूल्यों पर अधिक फोकस किया गया है। इससे स्वस्थ्य परम्परा एवं समाज का निर्माण होगा। माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो0 शैलेंद्र कुमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति आने वाले वाले समय में दूरगामी परिणाम देगा। यह छात्रों में स्किल डेवलपमेंट की सहायता से आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होगी। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन आईईटी के निदेशक प्रो0 रमापति मिश्र द्वारा किया गया। अतिथियो का स्वागत डॉ0 सुधीर प्रकाश एवं पारितोष त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर डॉ0 आरके सिंह, डिप्टी रजिस्ट्रार विनय सिंह, डॉ0 शिव कुमार सिंह, डॉ अनिल कुमार, डॉ सुरेंद्र मिश्र, अनुराग सिंह, सहित अन्य शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।