मिल्कीपुर-अयोध्या। नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के कुलपति प्रो जे एस संधू के मार्गदर्शन में कृषि महाविद्यालय के शैक्षणिक प्रक्षेत्र पर जायद में तिल उत्पादन का अभिनव प्रयोग किया गया। इस वर्ष रबी में शैक्षणिक प्रक्षेत्र पर बोई गई गेहूं की खड़ी फसल में तिल के बीज छिड़क कर तिल की बुवाई 29 मार्च को की गई थी। इनमें तिल की तीन प्रजातियों का प्रयोग किया गया था। इनमें स्वेता,सी यू एम एस 17 तथा वाई एल एम 66 प्रजातियां शामिल हैं।
मंगलवार को कुलपति प्रो संधू ने शैक्षणिक प्रक्षेत्र का भ्रमण कर इस प्रयोग का अवलोकन किया। इस दौरान पाया गया कि सी यू एम एस17 प्रजाति जहां लगभग 75 प्रतिशत फलत में आ चुकी है वहीं वाई एल एम66 प्रजाति पूर्णरूप से पुष्पावस्था में है तथा स्वेता प्रजाति में पुष्प आना प्रारम्भ हो रहा है। तिल की तीनों प्रजातियां समय से परिपक्व हो जाएंगी तथा इसके बाद इन खेतों में धान की रोपाई भी कर दी जाएगी। इस प्रयोग से किसान भाई वर्ष में 3 फसलें आसानी से उगाई जा सकती हैं। कुलपति प्रो संधू ने शैक्षणिक प्रक्षेत्र पर बीज उत्पादन के लिए बोई गई उर्द की फसल का निरीक्षण किया एवं प्रछेत्र प्रभारी डॉ. सीताराम मिश्र को आवश्यक सुझाव दिए।
जायद में तिल उत्पादन का किया गया अभिनव प्रयोग
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