चाैरासी कोसी परिक्रमा पथ के आध्यात्मिक स्थलों को विकसित करने की कवायद

by Next Khabar Team
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सांसद ने सीएम को सौंपी कार्ययोजना, योगी ने केंद्र को प्रस्ताव भेजने का दिया आश्वासन, पहले चरण में सभी आध्यात्मिक स्थलों की भूमि का होगा सीमांकन

अयोध्या। अयोध्या के चौरासी कोसी परिक्रमा पथ की स्वीकृति के बाद अब इसके आध्यात्मिक स्थलों के विकास का प्रस्ताव अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपा है। सीएम योगी ने सांसद के प्रस्ताव को अपने अनुमोदन के साथ केंद्र सरकार को भेजने का आश्वासन दिया है। साथ ही यह भी कहा है कि रामनगरी और उससे जुड़े आध्यात्मिक, धार्मिक केंद्रों का विकास उनकी शीर्ष प्राथमिकता में शामिल हैं।
बता दें कि सांसद लल्लू सिंह ने अपने पिछले कार्यकाल में अयोध्या के संत-धर्माचार्यों व श्रद्धालुओं की मंशा के अनुरूप अयोध्या की चौरासी कोसी परिक्रमा पथ का प्रस्ताव दिया था। केंद्रीय राजमार्ग एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लगभग तीन हजार करोड़ की लागत से बनने वाले चैरासी कोसी परिक्रमा पथ की स्वीकृति के साथ इसे राजमार्ग घोषित कर दिया है। अब इसके अगले चरण में सांसद ने अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा चैरासी कोसी के अंदर व बाहर गोंडा, बस्ती, अंबेडकरनगर में पडने वाले प्रमुख आध्यात्मिक व सांस्कृतिक श्रद्धा के केंद्रों के विकास का प्रस्ताव उन्होंने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपा है।
सांसद लल्लू सिंह का कहना है कि इन केंद्रों के विकास से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि अध्यात्म, संस्कृति और संस्कार को पुष्ट किया जा सकेगा। अयोध्या आने वाले श्रद्धालु व पर्यटक 84 कोसी परिक्रमा पथ के जरिए इन पौराणिक स्थलों का भ्रमण करेंगे। साथ ही अयोध्या की महत्ता और उसकी सांझी विरासत के बारे में जानकारी के साथ आध्यात्मिक चेतना से अविभूत होंगे।
प्रस्ताव में रामायणकालीन महत्वपूर्ण स्थलों के साथ शक्ति केंद्रों और मर्यादा पुुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के अवतरण के पूर्व 84 कोस को आध्यात्मिक ऊर्जा से घनीभूत करने वाले ऋषि, महर्षि, तपस्वी, मुनियों और श्रेष्ठ साधकों की तपस्थलियों को शामिल किया गया है। प्रस्ताव है कि इन शक्ति केंद्रों को उनकी मर्यादा के अनुरूप लोगों के श्रद्धा केंद्र के रूप में विकसित किया जाए। पहले चरण में इन स्थलों की भूमि को संरक्षित किया जाएगा। इसके लिए प्रशासन के स्तर से इनके सीमांकन कराए जाने की बात बताई गई है। इसके बाद कार्ययोजना के अनुसार इन पर काम होगा।

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प्रस्ताव में शामिल प्रमुख धार्मिक स्थल

बस्ती जिले के मखभूमि (मखौड़ा), रामरेखा, अंबेडकरनगर जिले के श्रवण क्षेत्र, अयोध्या जिले के श्रृंगी ऋषि आश्रम, श्रवण कुमार आश्रम बारुन, दशरथ समाधिस्थल बिल्वहरिघाट, सूर्यकुंड दर्शननगर, गौराघाट चकियवापारा, तारडीह, रामचैरा, सूर्यकुंड रामपुरभगन, दुग्धेश्वर कुंड (सीताकुंड) दराबगंज, नंदीग्राम भरतकुंड, पिशाच मोचन कुंड व मानस तीर्थ, जटाकुंड़, शत्रुघ्न कुंड, रामकुंड पुष्पनगर पुंहपी, श्रीरमणक आश्रम पंडितपुर, गहनाग आश्रम सौरही मिल, आस्तीक आश्रम व ऋषि यमदग्नि की तपस्थली आस्तीकन, जन्मेजय कुंड अमानीगंज, ऋषि च्यवन आश्रम कीन्हूपुर, श्रीगौतम आश्रम रुदौली, ऋषि माण्डव्य आश्रम व तमसोत्पत्ति स्थान मवई, ऋषि पाराशर आश्रम देवराकोट, मां कामख्या भवानी सुनबा जंगल रुदौली, बड़ी देवकाली व छोटी देवकाली, लक्ष्मीकुंड फतेहगंज, गिरिजा कुंड और जनकौरा क्षेत्र के तीर्थ स्थल जैसे ढकहवा ताल, पहाड़पुर, हनुमानगढ़ी नाका आदि, बंदी देवी (जालपा देवी), गुप्तारघाट, गोंडा जिले के संत तुलसीदास की जन्मस्थली राजापुर, डलुवाघाट व हनुमान मंदिर, बाबा नरहरिदास की कुटिया व भगवान वाराह मंदिर सूकर क्षेत्र, उत्तरी भवानी (वाराही देवी), जंबू तीर्थ-ऋषि अगस्त्य व तुंदिल आश्रम सरचंडी गांव भौरीगंज, महर्षि यमदग्नि आश्रम जमथा, अष्टावक्र आश्रम अमदही, शौनडीहा बनगांव, पाराशर मुनि आश्रम परास आदि शामिल हैं। इसके साथ सरयू तट पर नयाघाट स्थित राम की पैड़ी से पूरब दशरथ समाधि तक चरणबद्व ग्रीनबेल्ट विकसित करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री को दिया गया है।

प्रस्ताव में शामिल कार्य

ग्रीन बेल्ट राम की पैड़ी से प्रारम्भ होकर पूर्व की दिशा में दशरथ समाधि तक विस्तृत होगा। ग्रीन बेल्ट का मुख्य द्वार लखनऊ-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर खुले। ग्रीन बेल्ट के परिसर में एक विशाल आडीटोरियम बनाया जाय जिसमें चैरासी कोसी में स्थित तीर्थस्थलों, धर्मस्थलों, ऋषि, महर्षियों की तपस्थलियों सरयू के संगम स्थानों सहित अन्य महत्वपूर्ण केन्द्रों को सजीव प्रदर्शित किया जाय तथा वृतान्त भी दिखाया जाय। ग्रीन बेल्ट के एक चरण में रामायण से जुड़ा होगा। एक बड़े परिसर में श्रीराम के अयोध्या से श्रीलंका तक की यात्रा के साथ उनके महत्वपूण यात्रा पर अयोध्या, तमसा, श्रृंगवेरपुर, भारतद्वाज आश्रम, चित्रकूट धाम, दंडकारण्य के विभिन्न स्थलों पर रक्ष संस्कृति के विनाश और मानवता की स्थापना के लिए किये गये लोक कल्याणकारी कार्य प्रदर्शित होगा। इसी परिसर में संत तुलसीदास को राम चरित्र मानस के जरिए श्रीराम के मर्यादा पुरूस्तम के रूप को दिखाये जाने की व्यवस्था इसे बेहतर रूप प्रदान करेगा। इसी परिसर में लाईट एण्ड साउंड बेस श्रीराम कथा को अनवरत दिखाये जाने की व्यवस्था होगी। छोटे-छोटे पार्को की स्थापना होगी तथा मोक्षदायिनी सरयू की कल-कल धारा के समीप बैठकर शांति और आनन्द की अनुभूति के स्थान बनाये जायेंगे। राम की पैड़ी से सतत जलप्रवाह को बनाये रखने के लिए ग्रीन बेल्ट के एक हिस्से से जल निकालकर सरयू में गिराया जाना उचित होगा, पैड़ी पर हरियाली के साथ रंगीन फौव्वारो के जरिए आकर्षक दृश्य उत्पन्न किये जायेंगे। पूरे ग्रीन बेल्ट में हरियाली, पेड़ पौधों के साथ घूमने और विश्राम के लिए जगह-जगह स्थान और पार्क का निर्माण लोगों के आकर्षण का केन्द्र होगा।
सांसद लल्लू सिंह ने बताया कि अयोध्या की चैरासी कोसी की परिधि में पडने वाले आध्यात्मिक, धार्मिक श्रद्धा के केंद्रों के विकास के साथ राम की पैड़ी से पूरब की दिशा में दशरथ समाधि तक ग्रीन बेल्ट विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रस्ताव सौंपा है। उन्होंने धर्मनगरी के साथ सभी आध्यात्मिक स्थलों का विकास व सरयू तट पर ग्रीन बेल्ट विकसित कराए जाने का आश्वासन दिया है और कहा है कि इसे केंद्र सरकार को भेजा जायेगा।

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