अयोध्या। खेत मजदूर यूनियन व किसान सभा द्वारा संयुक्त रूप से चलाए जा रहे जन अभियान के क्रम में जिला मुख्यालय स्थित तिकोनिया पार्क में एक दिवसीय सांकेतिक धरना आयोजित कर राष्ट्रपति को संबोधित 17 सूत्रीय ज्ञापन भेजा गया। ज्ञापन के माध्यम से किसानों और कृषि से संबंधित हालिया अध्यादेश वापस लेने, कोरोना काल में आयकर दायरे से बाहर वाले सभी परिवारों को 7500 प्रतिमाह आर्थिक सहायता एवं प्रति व्यक्ति दस किलो मुफ्त राशन उपलब्ध कराने, सभी ग्रामीण मजदूरों को जाबकार्ड जारी कर वर्ष भर काम देने व मज़दूरी बढ़ा कर 600 रूपए प्रति दिन किए जाने, डीजल पेट्रोल के बढ़े दाम वापस लेने, राष्ट्रीय परिसम्पतियों के निजीकरण पर रोक लगाने, किसानों के निजी नलकूपों और मनरेगा मजदूरों के आवासीय विद्युत बिल माफ़ सहित कई प्रमुख मांगें उठायी गई। धरने को संबोधित करते हुए खेत मजदूर यूनियन के संरक्षक अशोक कुमार तिवारी ने कहा कि आज की परिस्थितियों में किसानों मजदूरों की स्थिति सबसे ज्यादा दयनीय हो गई है। सरकार के जनविरोधी नीतियों से जनता की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। भाजपा सरकार देश की परिसम्पतियों को लगातार बेचने का काम कर रही है जिससे रोजगार के अवसर समाप्त होते जा रहे हैं। दो करोड़ प्रति वर्ष रोजगार के नाम पर सत्ता में आई भाजपा ने युवाओं को धोखा दिया है जिसका उत्तर आगामी चुनावों में भाजपा को मिल जाएगा। खेत मजदूर यूनियन के जिलाध्यक्ष अखिलेश चतुर्वेदी ने अपने संचालन भाषण में कहा कि सरकार आम जनता के हितों की सरासर अनदेखी कर रही है और सरकार की पूंजीवादी नीतियों से मजदूर वर्ग पूरी तरह तबाह हो गया है और उसके समक्ष जीवन यापन संबंधी रोजमर्रा की जरुरतों को पूरा करने में भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। चतुर्वेदी ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों मजदूरों की वाजिब मांगें पूरी नहीं हुई तो बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। धरने में प्रमुख रूप से कृष्ण कुमार, घनश्याम, धर्मेंद्र, मायादेवी, कुलदीप तिवारी आदि उपस्थित रहे।
खेत मजदूर यूनियन व किसान सभा ने धरना देकर सौंपा ज्ञापन
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