हर जनपद बनानी होगी एक विशिष्ट कृषि उत्पाद की पहचान

कुमारगंज। नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में कृषि विज्ञान केंद्रों की वार्षिक कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर पहुंचाने में उत्तर प्रदेश के योगदान व इसके लिए उत्तर प्रदेश द्वारा निभाई जा सकने वाली भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जलवायु,भौगोलिक परिस्तिथियों व प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता में कृषि क्षेत्र में पर्याप्त शक्ति अर्थव्यवस्था को बृहद स्वरूप देने की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के आह्वान में प्रदेश का योगदान तब माना जायेगा जब हम अपनी अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचा सकें। उन्होंने इसके लिए कृषि क्षेत्र की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि किसानों के उत्थान में कृषि विज्ञान केंद्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है। देश में पिछले 5 वर्ष कृषि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि के विकास की जो नीव रखी थी अब उसके परिणाम सामने आने लगे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री द्वारा खेती किसानी की प्रगति के लिए चलाई गई योजनाओं का बखान किया। उन्होंने कहा कि आज देश मे इन्ही प्रयासों का परिणाम है कि देश में दलहन का पर्याप्त उत्पादन हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कृषि विकास की पर्याप्त सम्भावनाएं हैं। उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्रों और विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों का आह्वान करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के स्वप्न देश की अर्थव्यवस्था को बढाने को पूरा करने में प्रदेश के अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर करने का अपना संकल्प बताया और कहा कि हमारे पास पर्याप्त प्राकृतिक संसाधन हैं हमें उसका उपयोग करना होगा । हमें प्रदेश के हर जनपद से एक विशिष्ट कृषि उत्पाद की पहचान बनानी होगी। मुख्यमंत्री ने कालानमक चावल के गुणों पर चर्चा करते हुए कहा कि हम इसका वेहतर व्यवसायी करण कर सकते हैं। प्रर्देश में ऐसा जनपद है जहां गुङ की 127 किस्में उत्पादित हो रही हैं। मुख्यमंत्री ने आयात किये जाने वाली फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि जब 2022 में देश 75 वर्ष पूर्ण करेगा हमें उसके लिए अपने को तैयार करना होगा। सघन खेती,कृषि विविधीकरण जैसी तकनीकों को बढ़ावा देने पर जोर दिया। गो आश्रय स्थलों पर होने वाले गोबर को कम्पोस्ट में बदलने की योजना से अवगत कराया। बुन्देलखण्ड का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वहां किसानों ने आवारा गो वंश के लिए बने आश्रय स्थलों को चारा उपलब्ध कराया और स्थिति बदल गई। कृषि विश्वविद्यालयों को संदेश दिया कि वे कृषि विज्ञान केंद्रों से ठीकठाक तालमेल बनाएं और कृषि विकास के लिए बेहतर परिणाम ला सकते हैं। प्रदेश के 9 एग्रो क्लाइमेटिक जॉन से बेहतर कार्य करने वाले 2 कृषि विज्ञान केंद्रों को सेंटर फॉर एक्सीलेंस घोषित करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की लम्बित सिंचाई परियोजनाओं को दिसम्बर तक पूरा करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि दशकों से लम्बित अधूरी सिंचाई परियोजना महज 1 वर्ष में पूरी की गई । विश्वविद्यालयों में प्रकाशित होने वाले साहित्यों को पूरे प्रदेश में प्रसारित करने का सुझाव दिया। नवोन्मेषी किसानों के अनुभवों को साहित्यों के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा प्रसारित करने का सुझाव दिया। प्रदेश सरकार के कृषि के विकास के लिए किए गए प्रयासों पर चर्चा की । मुख्यमंत्री ने नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय द्वारा विगत सवा वर्षों में जो प्रगति हासिल की गयी है उस पर कुलपति प्रो संधू की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय द्वारा शोध के क्षेत्र में हासिल उपलब्धियों को आगे ले जाने का आह्वान किया। अपने भाषण के दौरान मुख्यमंत्री ने आगरा बस हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए मृतकों के परिजनों को शासन से सहयोग करने व हादसे की जांच कराने की भी घोषणा की। इससे पूर्व विश्वविद्यालय पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने आचार्य नरेंद्र देव की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यशाला का उद्घाटन करने से पूर्व उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यशाला का उद्घाटन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रसार निदेशालय द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका पूर्वांचल खेती के विशेषांक समेत अटारी कानपुर द्वारा प्रकाशित वार्षिक प्रतिवेदन व अन्य साहित्य का विमोचन किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो जे एस संधू ने विश्वविद्यालय संचालन व इसके विकास के लिए मुख्यमंत्री व प्रदेश शासन के सहयोग के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए विश्वविद्यालय की गतिविधियों व प्रयासों से अवगत कराया। इससे पूर्व कुलपति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व अन्य अतिथियों को अंग वस्त्र व प्रतीक चिन्ह प्रदान कर स्वागत किया।कार्यक्रम को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक प्रसार डॉ ए के सिंह ने विश्वविद्यालय को भरपूर सहयोग का आश्वासन दिया। उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री व अतिथियों को प्रदेश के राज्य मंत्री रणवेन्द्र प्रताप सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।