लोकतंत्र सेनानियों को किया गया सम्मानित
अयोध्या। आपातकाल की बरसी पर सहकारिता सभागार में विरोध दिवस आयोजन हुआ। आपातकाल के दौरान संघर्ष करने वाले लोकतंत्र सेनानियों को इस दौरान सम्मानित किया गया। आपातकाल को लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन बताते हुए वक्ताओं ने इस दौरान अपने विचार रखे।
भाजपा क्षेत्रीय महामंत्री जमुना चतुर्वेदी ने कहा कि लोकतंत्र के इतिहास की वह काली रात थी जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरागांधी ने इमरजेंसी की घोषणा की थी। इमरजेंसी के दौरान जनता पर किये गये अत्याचार के गवाह आज भी लोकतंत्र सेनानी है। पूर्व मंत्री अनिल तिवारी ने कहा कि आपातकाल में बोलने तक की आजादी पर पाबंदी लगा दी गयी थी। सरकार ने विरोध करने वालों को क्रूरतम सजाऐं दी। विरोधी दलों के नेताओं को जेल में बंद कर दिया गया। आपातकाल की याद करके आज भी शरीर में सिहरन दौड़ जाती है। जिलाध्यक्ष अवधेश पाण्डेय बादल ने कहा कि मौलिक अधिकारों का हनन की जीती जाती तस्वीर आपातकाल थी। जिसमें न बोलने की आजादी थी और कुछ करने की। केवल सरकार द्वारा कहीं बातों का अनुसरण करना था। इस दौर में लोकतंत्र की स्थापना के लिए लोगो ने संघर्ष किया। महानगर अध्यक्ष कमलेश श्रीवास्तव ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों के द्वारा आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की स्थापना के लिए किये गये सघर्ष प्रसंशनीय है। सत्ता अपने विरोधियों को कैसे दबाती है इसका जीता जाता उदाहरण आपातकाल था। इस अवसर पर सहकारिता बैंक के सभापति धर्मेन्द्र प्रताप सिंह टिल्लू, कमलाशंकर पाण्डेय, महंत मनमोहन दास, अभिषेक मिश्रा, पूर्व ब्लाक प्रमुख रमेश सिंह, आदित्य मिश्रा, संजीव सिंह, राधेश्याम त्यागी, अरविंद सिंह, शैलेन्द्र कोरी, परमानंद मिश्रा, तिलकराम मौर्या, शैलेन्द्र मोहन मिश्रा छोटे, प्रकाश गुप्ता, प्रो कृष्ण मुरारी सिंह, गोकरन द्विवेदी मौजूद रहे।