अवध विश्वविद्यालय में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधायें उपलब्ध: प्रो. मनोज दीक्षित

by Next Khabar Team
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विश्वविद्यालयीय परीक्षाओं की सम्पूर्ण व्यवस्था की जा चुकी है आनलाइन

अयोध्या। डा. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में मेरे बीते दो साल के कार्यकाल में विश्वविद्यालय ने शिक्षा, शोध सहित अन्य विभिन्न शैक्षणिक क्षेत्रों में अहम मुकाम हांसिल किया है। उक्त विचार कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने अपने दो साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद पत्रकारों से वार्ता के दौरान व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर के छात्र-छात्राओं के लिए स्ववित्तपोषित योजना के अंतर्गत 32 नवीन पाठ्यक्रम प्रारम्भ किए गए है।
कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने बताया कि केन्द्र सरकार की मंशा के अनुरुप परिसर में स्वच्छता अभियान को निरंतरता प्रदान की गई तथा परिसर के छात्रों एवं आगंतुकों की सुविधा के दृृष्टिगत रुसा परियोजना के अंतर्गत प्राप्त अनुदान से दो बड़े ‘‘टाॅयलेट ब्लाक्स’’ का निर्माण कराया गया। इसके अतिरिक्त “स्वच्छता अभियान’’ के अंतर्गत परिसर को पालीथीन, तम्बाकू, पान, गुटका एवं किसी भी प्रकार के तम्बाकू उत्पादों से मुक्त किया जा चुका है। केन्द्र सरकार की मंशा के अनुरुप परिसर में व्यापक पौधारोपण अभियान चलाते हुए गत सत्र 2017-18 में 26 हजार पौधे रोपित किए गए जिसमें से वन विभाग के दिनंाक 14 मई, 2019 को किए गए ग्रीन आॅडिट के अनुसार 24 हजार 52 पौधे जीवित एवं स्वस्थ पाए गए हैं। केन्द्र सरकार की मंशा के अनुरुप परिसर में वैकल्पिक ऊर्जा को बढ़ावा देने के उदद््ेश्य से महिला छात्रावास को पूर्णतः सौर ऊर्जा से आच्छादित किया जा चुका है तथा परिसर स्थित तकनीकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान को सौर ऊर्जा से आच्छादित करने का कार्य प्रगति पर है। रुसा परियोजना के अंतर्गत प्राप्त अनुदान राशि से विश्वविद्यालय के ई0डी0पी0 सेल स्थित कम्प्यूटर सेन्टर को पूर्णतः नवीनीकृृत करते हुए वीडियो कान्फ्रेंसिंग की सुविधा से सुसज्जित किया गया है, जिसका लोकापर्ण कुलपति जी द्वारा 29 अप्रैल, 2019 को किया गया। तदक्रम में रुसा परियोजना की अनुदान राशि से परिसर के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग के छात्रों को प्रायोगिक सुविधा उपलब्ध कराने के उददेश्य से एक हाईटेक मीडिया लैब की स्थापना भी की गई है। उक्त अनुदान राशि से ही परिसर के भौतिकी एवं गणित विभाग में क्रमशः 04 एवं 03 तथा अन्य नियमित विभागों में न्यूनतम एक-एक स्मार्ट क्लास रुम स्थापित किए गए हैं, जिनमें अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधायें उपलब्ध हैं। उक्त क्रम में रिलायन्स जियो के माध्यम से सम्पूर्ण परिसर में 100 एम0बी0पी0एस0 स्पीड की लीज-लाइन के साथ फास्ट इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे संबंधित कार्य कम्पनी द्वारा 15 जून से पूर्व पूर्ण कर लिया जाएगा।
विश्वविद्यालयीय परीक्षाओं की सम्पूर्ण व्यवस्था आन लाइन की जा चुकी है। इसके अंतर्गत परीक्षा आवेदन पत्र, प्रवेश पत्र, परीक्षा परिणाम तथा प्रायोगिक परीक्षाओं के अंकों को भी आॅनलाइन व्यवस्था के अंतर्गत लाया गया है। परीक्षा के दौरान परीक्षा केन्द्रों पर आडियों रिकार्डिग सुविधा से युक्त सी0सी0टी0वी0 कैमरों का अनिवार्य प्रयोग सुनिश्चित किए जाने से परीक्षाओं में नकल की प्रवृृत्ति पर प्रभावी अंकुश लगाने में सफलता प्राप्त हुई है। इसके अतिरिक्त स्नातक प्रथम वर्ष की सम्पूर्ण परीक्षाओं को ओ0एम0आर0 आधारित प्रक्रिया के अंतर्गत सम्पन्न कराये जाने से भी नकल रोकने में सार्थक सहायता प्राप्त हुई है। महिला महाविद्यालयों को छोड़कर अन्य महाविद्यालयों में स्वकेन्द्र प्रणाली समाप्त करते हुए सेण्टर स्वैपिंग व्यवस्था को लागू करना, परीक्षा से पूर्व प्रायोगिक परीक्षाओं का संपादन सुनिश्चित करना, प्रतिदिन तीन पालियों में परीक्षा सम्पन्न कराया जाना, परीक्षा केन्द्रों द्वारा अपने यहाॅ उपलब्ध संसाधनों का आॅनलाइन डिक्लेरेशन करना जैसी अन्य व्यवस्थायें भी परीक्षा सुधार की दृृष्टि से लागू की गई हैं। तदक्रम में मूल्यांकन की व्यवस्था में सुधार करते हुए उत्तर पुस्तिकाओं की 100 प्रतिशत कोडिंग सुनिश्चित की गई है। मूल्यांकन के उपरांत परीक्षकों द्वारा ओ0एम0आर0 आधारित अंक पत्र पर अंको के अंकन की व्यवस्था लागू करने से परीक्षा परिणामों को तत्परता से घोषित किया जाना संभव हो सका है। इसके अतिरिक्त कुछ प्रोफेशनल कोर्सेस जैसे एम0बी0बी0एस0, बी0डी0एस0 तथा बी0टेक0 एवं एम0टेक0 में उत्तर पुस्तिकाओं के आॅनलाइन मूल्यांकन की व्यवस्था भी लागू की गई है।
उन्होंने बताया कि एक अभिनव प्रयोग के अंतर्गत विश्वविद्यालय द्वारा समस्त प्रवेशित छात्रों को ‘यूनिक आइडेन्टिटीफिकेशन नम्बर‘ (यू0आई0एन0) से जोड़ते हुए इनसे संबंधित डाटा इस नम्बर से इन्टीग्रेट किया गया है। इस प्रक्रिया के फलस्वरुप यू0आई0एन0 के माध्यम से छात्र कभी भी अपने से संबंधित विश्वविद्यालयीय रिकार्ड को आन-लाइन प्राप्त कर सकता है। तदक्रम में महाविद्यालय विकास परिषद द्वारा 13 मई, 2018 को छात्र-छात्राओं को सत्र 2018-19 में प्रवेश पूर्व ‘यूनिक आइडेन्टिटीफिकेशन नम्बर‘ आधारित रजिस्ट्रेशन कराए जाने को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर स्थित ‘‘महामना मदन मोहन मालवीय केन्द्रीय पुस्तकालय’’ को पूर्णतः डिजीटलाइज्ड किया गया। डिजीटल प्रक्रिया के माध्यम से पुस्तकों के आदान-प्रदान की व्यवस्था का उद्घाटन कुलपति जी द्वारा 16 अप्रैल, 2019 को किया गया। साथ ही पुस्तकालय में छात्रों के अध्ययन कक्ष का जीर्णोद्वार करते हुए इसकी पूर्व निर्धारित 35 छात्र-क्षमता को बढ़ाकर 70 छात्र-क्षमता कर दिया गया है। विश्वविद्यालय में जमा समस्त शोध ग्रन्थों को स्कैन कराकर डिजीटल स्वरुप में संरक्षित करने के साथ-साथ शोध-गंगा पर अपलोड किया जा रहा है; अद्यतन 03 हजार से अधिक शोध ग्रन्थ शोध-गंगा पर अपलोड किए जा चुके हैं।
छात्र-छात्राओं द्वारा रैगिंग अथवा अन्य किसी अप्रिय घटना की सूचना विश्वविद्यालय प्रशासन को ससमय वीडियो, फोटोग्राफ तथा मैसेज के माध्यम से उपलब्ध कराने की दृृष्टि से विकसित किए गए “रक्षक” मोबाइल-एप की उपलब्धता परिसर के छात्रों के साथ-साथ सम्बद्व महाविद्यालयों के छात्रों में भी विस्तारित की जा रही है। इस मोबाइल एप में दो नई सुविधायें जोड़ी गई हैं। पहली ‘‘नोटिस बोर्ड’’, जिसके माध्यम से छात्रों को परीक्षा अथवा विश्वविद्यालय संबंधी किसी भी सूचना से तत्काल अवगत कराया जा सकता है। दूसरी सुविधा के अंतर्गत केन्द्रीय पुस्तकालय के डिजीटल डाटा को इस एप से जोड़ दिया गया है, जिसके माध्यम से छात्र अपने मोबाइल के द्वारा ही पुस्तकालय में अपनी पसंद की पुस्तक की उपलब्धतता का अवलोकन कर सकता है।
अभिनव प्रयोग के अंतर्गत डाक विभाग से अनुबंध संपादित करते हुए न्यूनतम शुल्क के साथ छात्रों की उपाधियों की होम डिलीवरी सुनिश्चित की गई है। इस योजना का छात्रों द्वारा प्रमुखता से उपयोग किया जा रहा है। नवीन परिसर में इंस्टीटयूट आॅफ अर्थ साइंसेज की स्थापना करते हुए पूर्व संचालित पर्यावरण विज्ञान विभाग को इसके अंतर्गत लाया गया है एवं अन्य संबंधित पाठयक्रमों यथा-भूगोल, भूगर्भ विज्ञान इत्यादि को इससे जोड़े जाने की येाजना है। साथ ही इसी इंस्टीटयूट के अंतर्गत रुसा परियोजना की अनुदान राशि से ‘‘अंर्टाकटिका रिसर्च सेंटर’’ की स्थापना (कुलपति जी द्वारा भूमि पूजन 26 नवम्बर, 2018 को संपन्न) का कार्य प्रगति पर है।
अभिनव प्रयोग के अंतर्गत पर्यावरण विज्ञान विभाग के संरक्षण में अयोध्या के मंदिरों से निकलने वाले निष्प्रयोज्य फूलों से इत्र बनाने का प्लांट सुगंध एवं सुरस विकास केन्द्र, कन्नौज के सहयोग से लगाया जा रहा है। फूलों की उपलब्धता के लिए नाका हनुमानगढ़ी समेत अन्य मंदिरों से भी अनुबंध पत्र हस्ताक्षरित किए गए। इसी क्रम में परिसर में इंस्टीटयूट आफ फिजीकल एजूकेशन एण्ड स्पोर्टस साइंसेज की स्थापना करते हुए पूर्व संचालित फिजीकल एजूकेशन के समस्त स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठयक्रमों को इससे सम्बद्व किया गया है, साथ ही रुसा परियोजना के अंतर्गत प्राप्त अनुदान राशि से खिलाड़ी छात्रों के लिए आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। मानविकी एवं भाषा के संदर्भ में शोध सुविधाओं के उन्नयन की दृृष्टि से परिसर में डा0 राममनोहर लोहिया शोध पीठ, रत्नाकर शोध पीठ एवं पं0 दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ की स्थापना की गई।
विश्वविद्यालय के छात्रों को रोजगार के अवसर उपलब्घ कराने एवं उनके व्यक्तित्व विकास के दृृष्टिगत मार्च, 2018 में ‘‘प्लेसमेंट एवं पर्सनालिटी डेवलपमेंट सेल’’ का गठन किया गया। संक्षिप्त समय में ही सेल द्वारा किए गए सार्थक प्रयासों के अंतर्गत सेना के अधिकारियों की सहायता से छात्र एवं छात्राओं की कैरियर काउंसलिंग, शारीरिक शिक्षकों के लिए 21 अप्रैल, 2018 को ‘एडु स्पोर्ट्, बंगलौर‘ द्वारा कैम्पस सेलेक्शन, ‘आइडिया सेलुलर लिमिटेड‘ द्वारा कैम्पस सेलेक्शन, अजीज प्रेम जी फाउंडेशन द्वारा छात्र/छात्राओं का सेलेक्शन, एस्थेटिक साल्यूशनस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा रिलेशनशिप मैनेजर के लिए कैम्पस सेलेक्शन, सिपला कम्पनी द्वारा कैम्पस सेलेक्शन, न्यूज 18 टी0वी0 चैनल द्वारा कैम्पस सेलेक्शन तथा जस्ट डायल कम्पनी द्वारा कैम्पस सेलेक्शन उल्लेखनीय है। वर्षों से निष्प्रयोज्य पडे़ तीन मंजिला दीक्षा-भवन की मरम्मत एवं उच्चीकरण के उपरांत नव स्थापित पाठ्यक्रमों के साथ पूर्व से संचालित शारीरिक शिक्षा विभाग, समाज कार्य विभाग, एम0एड0 विभाग की कक्षाओं को भी इस भवन में स्थानान्तरित किया गया है। परिसर के विभिन्न विभागों के शिक्षकों की वर्षों से लम्बित प्रोन्नति-प्रक्रिया को गति प्रदान करते हुए प्रोन्नति संबंधी चयन समितियों की बैठक सम्पन्न कराई गई और परिसर के 8 नियमित विभागों के समस्त शिक्षकों की प्रोन्नति सम्बन्धी प्रक्रिया पूर्ण की जा चुकी है। आज की तिथि में कोई शिक्षक ऐसा नहीं है जिसकी प्रोन्नति-प्रक्रिया लम्बित हो। इसके अतिरिक्त विभिन्न विभागों में रिक्त पदों के सापेक्ष 05 शिक्षकों को नियुक्त भी किया गया है।
महिला छात्रावास में वाशिंग मशीन, वाटर कूलर तथा सेनेट्री-नैपकीन वेडिंग एवं डिस्पोजल मशीन लगाये जाने की व्यवस्था की गई। महिला छात्रावास में वाॅलीबाल कोर्ट का निर्माण भी कराया गया है। साथ ही महिला छात्रावास के मुख्य द्वार तथा बाउन्ड्रीवाॅल पर सुरक्षा निगरानी के लिए सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगाये गये है। छात्रावास के प्रवेश द्वार एवं मेस में बायोमेट्रिक उपस्थिति मशीन भी लगाई गई है।
र्षो से बंद पड़े ‘‘विश्वविद्यालय स्वास्थ्य केन्द्र’’ में चिकित्सकों की नियुक्ति कर प्राथमिक चिकित्सा की सुविधाओं को बहाल करने के साथ-साथ स्वास्थ केन्द्र को यथासंभव उच्चीकृत भी किया जा चुका है। विज्ञान एवं मानविकी विषयों से सम्बन्धित पाठ्यक्रमों में शोध व अध्ययन-अध्यापन की गुणवत्ता उन्नयन के लिए विश्वस्तरीय शैक्षिक एवं शोध कार्यों के विकास के लिए एक दर्जन से अधिक राष्ट्रीय स्तर के शोध संस्थानों के साथ अनुबन्ध हस्ताक्षरित किए गए हैं। विज्ञान एवं मानविकी विषयों से सम्बन्धित पाठ्यक्रमों में शोध व अध्ययन-अध्यापन की गुणवत्ता उन्नयन के लिए सत्र 2017-2018 एवं सत्र 2018-2019 में देष के निम्नांकित प्रतिष्ठित औद्योगिक एवं शैक्षिक संस्थानों से एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित किये गये है।

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