सर्किट हाउस में हुई मन्दिर निर्माण समिति की बैठक
अयोध्या। राम मंदिर के फाउंडेशन निर्माण के लिए 100 फिट गहरे एक मीटर ज्यादा व्यास के 12 सौ खंभे जमीन में गलाये जाने हैं। ट्रस्ट की अभी पायलिंग टेस्ट की तैयारी है। अभी परीक्षण के लिए एक पाइलिंग की जाएगी और उसकी मजबूती का परीक्षण कराया जाएगा। इस परीक्षण रिपोर्ट को मिलने में कम से कम एक माह का समय लगेगा। उक्त जानकारी ट्रस्ट महासचिव चम्पतराय ने मीडिया को दी। उन्होंने उम्मीद जताई की सब कुछ ठीक ठाक रहा तो अक्टूबर माह के मध्य से मंदिर के निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा।
श्री राय मंगलवार को सर्किट हाउस में निर्माण समिति अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र और कार्यदाई संस्था लार्सन एंड टूब्रो के इंजीनियरों के साथ आयोजित बैठक में विचार विमर्श के बाद मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि इस बात के लिए सभी सहमत है कि राम मंदिर के नींव की आयु मंदिर निर्माण में लगने वाले पत्थरों की आयु से ज्यादा रखी जाए। इसके लिए कौन सी सीमेंट इस्तेमाल की जाए ? कहां से लाई जाए ? और सीमेंट में क्या क्या मिलाया जाए ?, जिससे उसकी उम्र बढ़ाई जा सके। इसको लेकर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान चेन्नई के विशेषज्ञ परीक्षण में जुटे हैं। सभी को लेकर कड़ी मेहनत हो रही है। विशेषज्ञों की टीम सीमेंट के साथ लगने वाले गिट्टी,मोरंग आदि की कुल मात्रा के आंकलन में जुटी है। ट्रस्ट महासचिव ने बताया कि निर्माण समिति अध्यक्ष जमीनी हकीकत जानने और भविष्य की कार्ययोजना पर विचार विमर्श के लिए आए हैं।सभी बिंदुओं पर चिंतन मंथन किया जा रहा है।सुरक्षा से जुड़े अधिकारी मंदिर निर्माण के दौरान और मंदिर निर्माण के बाद की परिस्थितियों के आधार पर सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर मंथन कर रहे हैं। सर्किट हाउस में संपन्न बैठक में निर्माण समिति चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र के अलावा ट्रस्ट महासचिव चंपत राय, सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्र,विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र,पदेन सदस्य जिला अधिकारी अनुज कुमार झा के साथ लार्सन एंड टूब्रो के इंजीनियर मौजूद रहे। इसके पूर्व निर्माण समिति अध्यक्ष ने परिसर का जायजा लिया और तैयारियों की जानकारी ली। साथ ही सुरक्षा को लेकर अधिकारियों से मुलाकात की।