संत सतराम दास का तीन दिवसीय जन्मोत्सव आरम्भ
अयोध्या। पूज्य संत सतराम दास के तीन दिवसीय जन्मोत्सव का आरंभ संत सतराम दास मंदिर रामनगर में हुआ। इस अवसर पर मंदिर के महंथ महेश राम ने अपने उद्बोधन मं कहा कि सेवा से संस्कार और संस्कार से भाग्य परिवर्तन और उन्नति की प्राप्ति होती है। जन्मोत्सव का आरंभ यज्ञ और गुरू ग्र्रंथ साहिब पाठ से हुआ। संध्याकाल राणी सती का सतसंग हुआ। संतसंग के बाद प्रेरक भजनों का गायन किया गया। उत्सव के प्रथम दिन सतना के संत किशोर लाल, जलगांव महाराष्ट्र के संत देवीदास, कोलकाता के सांई कपिलराम और स्थानीय संत भावनदास, संत महेन्द्र राम और मंदिर के महंथ के पुत्र सुरेन्द्र दास और निहाल राम की गरिमामई उपस्थित रही। उत्सव में अमरावती के भाई साहब गोवर्धनदास भी मौजूद रहे।
जन्मोत्सव के दूसरे दिन भारतीय सिन्धु सभा व एस0एस0डी0 सेवा मंडल के पदाधिकारियों ने सेवा और अतिथियों का स्वागत किया। दूसरे दिन संत सतराम दास साहेब की धुनी साहब का पाठ आरंभ हुआ जिसका समापन राम में भोग के साथ किया गया। रात्रि में मध्य प्रदेश से आयी विशाल सागर पार्टी ने मनमोहक भजन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ व उत्तर प्रदेश की संगत भी मौजूद रहे। जन्मोत्सव में शामिल होने वालों में समाज के मुखिया गुरूमुखदास, द्वारिका दास, अमृत राजपाल, राजू रामानी, तुलसीदास संगतानी, सुमित माखेजा, कपिल हासानी, ओम मोटवानी, ईश्वरदास, नवलराम, दिलीप बजाजा रहे।