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विवेक सृष्टि परिसर में स्थापित होगी स्वामी विवेकानन्द की प्रतिमा

विधि-विधान से हुआ भूमि पूजन

अयोध्या-फैजाबाद। अयोध्या धाम स्थित विवेक सृष्टि परिसर में स्वामी विवेकानन्द की प्रतिमा स्थापना हेतु भूमि पूजन एवं शिलान्यास का कार्यक्रम विधि-विधान पूर्वक सम्पन्न हुआ। अखिल भारतीय वेद प्रचार परिषद के निदेशक आचार्य शिवशंकर वाजपेयी के नेतृत्व विस्तृत मंत्रोच्चार के साथ विवेक सृष्टि के अध्यक्ष डा. चैतन्य एवं विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी अयोध्या शाखा के समन्वयक प्रो. डॉ. संतशरण मिश्र ने भूमिपूजन एवं शिलान्यास कार्य पूर्ण किया। इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी में योगाचार्य डॉ. चैतन्य ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द का जीवन हम सभी में स्वार्थ से ऊपर उठकर देश दृसमाज के प्रति समर्पण के साथ सेवा की पृष्ठ भूमि में मनुष्य निर्माण की संकल्पना का भाव जगाता है। स्वामी विवेकानन्द की 150वीं जयंती के अवसर पर आध्यात्म एवं विज्ञान के संतुलित धरातल पर अयोध्या को केन्द्र बनाकर एक आध्यात्मिक सामाजिक आन्दोलन की संकल्पना की गयी थी। जो श्री अयोध्या धाम की सामाजिक पृष्ठभूमि में शनैः शनैः मूर्त रूप ले रही है। स्वामी जी के वैचारिक आधार से प्रेरणा प्राप्त विवेक सृष्टि की आधारशिला 2013 में रखी गयी। उसी परिसर में स्वामी जी की प्रेरणादायी प्रतिमा की स्थापना जन सहयोग एवं स्वामी विवेकानन्द जी के विचारों के प्रसार के आलोक में 1 लाख लोगों के व्यक्तिगत संपर्क एवं उनके हस्ताक्षर तथा आर्थिक सहभागिता से यह कार्य पूर्ण करने की भावी योजना को धरातल पर उतारने के अभियान का प्रारम्भ विवेक सृष्टि परिसर में हो रहा है।
प्रो. डॉ संतशरण मिश्र ने कहा अयोध्या की धरती आध्यात्म जगत की जागृत भूमि है, इस भूमि से स्वामी विवेकानन्द की प्रतिमा स्थापना का सन्देश जगत कल्याण का मार्ग प्रशस्त करेगाद्य स्वामी जी के विचारों के आलोक में इस महान संकल्प हेतु हम आप सभी का आह्वान करते हैं। ई. रवि तिवारी ने कहा कि स्वामी जी का जीवन भारत के आध्यात्मिक ऊर्जा के वैश्विक प्रसार के साथ-साथ मानव सेवा को समर्पित थाद्य प्रत्येक मनुष्य में ईश्वर का दर्शन करने वाले स्वामी विवेकानंद ने भारत के आध्यात्म एवं पश्चिम के विज्ञानं के मध्य एक सकरात्मक समन्वय की धारा से विश्व कल्याण के मार्ग की कल्पना की थी। भगवान श्रीराम के पावन जन्मस्थली अयोध्या धाम में स्वामी जी की भव्य प्रतिमा का निर्माण इस दिशा में एक महत्वपूर्ण मानक स्थापित करेगा। इस संकल्प की पूर्ति के लिये जनपद के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र से लेकर महानगर तक जन-जन के मध्य जाकर स्वमी जी के विचारों एवं प्रतिमा स्थापना के सम्बन्ध में बृहद जनजागरण का अभियान चलाया जायेगा। ई. अंशुमन तिवारी ने प्रकल्प का विस्तृत वर्णन करते हुए कहा कि 4500 वर्गफीट में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से परिपूर्ण आधुनिक ध्यान केन्द्र एवं प्रतिमा की स्थापना प्रस्तावित हैद्य इस प्रकल्प में लगभग 1.27 करोड़ का व्यय संभावित है।
इस अवसर पर विवेक सृष्टि के मन्त्री राजेश मंध्यान, कोषाध्यक्ष रामकुमार गुप्ता, विवेक शुक्ल, ई. रितेश श्रीवास्तव, ई. मुकेश शुक्ला, प्रियंक आर्य, सूर्य प्रकाश सिंह, महेश योगी, पवन पाण्डेय, प्रवीण सिंह, सूर्य भान पाण्डेय, सहजराम यादव, राजेश श्रीवास्तव, राधेश्याम त्यागी,विजय कुमार सिंह बंटी, अमर सिंह, स्मृता तिवारी, सीमा तिवारी, ममता श्रीवास्तवा, रीता मिश्रा, सोनी सिंह, सरिता सिंह, आशा तिवारी, विभा पाण्डेय चन्द्रावती, वंदना द्विवेदी, कल्पना, पूनम श्रीवास्तवा, आदि अनेकों गणमान्यजन एवं साधकगण उपस्थित रहे।

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