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धरने पर अड़ी महिला को समझाने में कामयाब हुई पुलिस

पीड़िता को महिला हेल्प डेस्क के साथ भेजा गया नारी निकेतन

बीकापुर-फैजाबाद। राज्य और केंद्र सरकार जहां एक तरफ महिलाओं के सशक्तिकरण की योजनाओं को अमली जामा पहनाने की भरपूर कोशिश करते हुए बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का आवाहन समाज से करके समाज को एक नई दिशा देने की पहल कर रही हैं । वहीं दूसरी तरफ समाज में ही विकृत प्रवृति के कुछ लोगों द्वारा सरकार की इस पहल को आइना दिखाया जा रहा है तथा बेटियों का किस प्रकार अनादर और शोषण किया जा रहा है इसकी काली सच्चाई कोछा बाजार की घटना उजागर करने के लिए काफी है। जहां न्याय के लिए विगत 4 सालों से संघर्ष कर रही पीड़ित महिला गत 5 दिनों से अपने ससुराल में ही घर और दुकान पर लगे ताले के सामने अपने 4 वर्षीय अबोध बेटी के साथ भूख-प्यास तथा मौसम की मार सहते हुए न्याय पाने की आस में बैठी थी।
मामला बीकापुर कोतवाली क्षेत्र के कोछा बाजार निवासी आलोक अग्रहरि पुत्र राम शंकर अग्रहरि की पत्नी सोनम अग्रहरि का पति पत्नी में आपसी विवाद होने के कारण सोनम ने कोर्ट का सहारा लेते हुए पति से गुजारा भत्ता की मांग करते हुए लगातार 5 वे दिन धरने पर बैठी रही। सोमवार को पीड़ित महिला के समर्थन में उसके मायके और संपर्क में रहने वाली दर्जनों महिलाओं और छोटी बच्चियो ने धरना स्थल पर पहुंच कर बेटी बचाओ न्याय दिलाओ की तख्ती लेकर , नारा लगाते हुए बाजार में रैली निकाली।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस क्षेत्राधिकारी बीकापुर अरविंद चैरसिया कोतवाली पुलिस टीम के साथ घटना स्थल कोछा बाजार पहुंचे जहां पर कड़ी मशक्कत के बाद प्रदर्शन कर रही महिलाओं को शांत कराया गया। पीड़िता सोनम अग्रहरी को न्याय दिलाने की बात रैली में शामिल दर्जनो महिलाओं ने पुलिस प्रशासन के सामने बेबाकी से रखते हुए शीघ्र ही ससुरालीजनों को गिरफ्तार करने की मांग की। जिस पर मौके की नजाकत को देखते हुए पुलिस क्षेत्राधिकारी बीकापुर अरविन्द चैरसिया ने हर संभव मदद तथा न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन कराने का आश्वासन देते हुए महिला हेल्प डेस्क व महिला थाना प्रभारी फैजाबाद प्रियंका पान्डेय व अन्य कर्मचारियों तथा पीड़िता के साथ एकान्त स्थल पर घन्टो चली गुप्त वार्ता के बाद धरना समाप्त कराया गया।
इस संबंध में पुलिस क्षेत्राधिकारी बीकापुर अरविंद चैरसिया का कहना है कि कोछा बाजार की घटना की स्थिति तनावपूर्ण हो चुकी थी लेकिन बातचीत के बाद विपक्षी आलोक अग्रहरी व उसके परिजनों को बुधवार तक का समय दिया गया है कि वह प्रशासन के सामने आकर अपना पक्ष रखें यदि इस समयाअवधि के तक इन लोगों द्वारा कोई पहल नहीं की जाती है तो पुलिस प्रशासन और उच्चाधिकारियों द्वारा कोर्ट से विशेष तारीख लेकर ताला तोड़वाकर महिला को घर में प्रवेश कराये जाने की मांग की जाएगी। तथा न्यायालय के आदेशानुसार कार्रवाई की जाएगी।
तब तक के लिए पीड़िता को महिला हेल्प डेस्क के साथ नारी निकेतन भेजा गया। इस मौके पर कोतवाल बीकापुर रामचंद्र सरोज , उपनिरीक्षक संदीप त्रिपाठी,व बीकापुर कोतवाली की पुलिस फोर्स तथा महिला हेल्पडेस्क की टीम मौजूद रही।

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