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मोदी, योगी सरकार में बर्बाद किये जा रहे किसान: तेजनारायण

  • यश पेपर मिल के प्रदूषित जल के खिलाफ सपा ने छेड़ा आन्दोलन

  • प्रशासन पर जबरन मेड़बंदी तोड नाला निकाले जाने का आरोप

फैजाबाद। भाजपा की मोदी व योगी सरकार किसानों को तबाह और बर्बाद करने का कार्य कर रही है। पूंजीपतियों के इशारे पर भाजपा सरकार के प्रशासनिक अधिकारी किसानों का उत्पीड़न करने पर तुले हैं। यश पेपर मिल दर्शननगर द्वारा छोड़े जा रहे प्रदूषित पानी से माझा क्षेत्र के किसानों की फंसले बर्बाद हो रही हैं इन मुद्दों को लेकर समाजवादी पार्टी बड़ा आन्दोलन छेड़ेगी। यह विचार पूर्व राज्यमंत्री तेजनारायण पाण्डेय ने शाने अवध सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान दिया।
उन्होंने कहा कि मिल द्वारा जो प्रदूषित पानी छोड़ जा रहा है उससे फंसले तबाह हो रही हैं और किसानों के सामने रोजी-रोटी के लाले पड़ गये हैं। भाजपा के बड़े नेता केवल भाषणों में किसान हित की बात करते हैं जबकि हकीकत यह है कि वह और उनके प्रशासनिक अधिकारी पूंजीपतियों के इशारे पर किसानों को प्रताड़ित कर रहे हैं यही नहीं किसानों की जमीने पूंजीपतियों को बेंची जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि दर्शननगर माझा क्षेत्र में पूर्व विधायक अभय सिंह की भी जमीन है और वह आज किसान के रूप में अपनी बात कहने आये हुए हैं। फंसलों को नष्ट होने से बचाने के लिए किसानों ने अपने खेतों में मेडबंदी की जिससे मिल का प्रदूषित जल का आना बंद हो गया। पूंजीपति के इशारे पर शुक्रवार को एसडीएम सदर और सीओ भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और मेडबंदी तोड़कर नाला खोलवा दिया। इन सब मुद्दों को लेकर सोमवार को जिलाधिकारी से सपा का प्रतिनिधि मण्डल मिलेगा यदि प्रशासन ने किसानों के साथ न्याय न किया तो सड़कांे पर उतर कर बड़ा आन्दोलन छेड़ा जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन जबरन नाला खोदवा रहा है जबकि पहले जमीन का अधिग्रहण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सपा सरकार चाहे वह मुलायम सिंह यादव की रही हो या अखिलेश यादव की रही हो किसानों के सम्मान की पूरी रक्षा की जाती रही है।
किसान और पूर्व विधायक अभय सिंह ने भी मौजूदा हालात की जानकारी दिया। उन्होंने बताया कि जब सपा सरकार थी तो हम लोगों के प्रयास से माझा राजेपुर, सराय रासी आदि की चकबंदी प्रकिया शुरू हुई राजेपुर की चकबंदी हो चुकी है और शेष की होना है। चकबंदी हो जाने के बाद किसानों को यह पता चला कि उनकी अपनी जमीन कौन सी है इसके पहले उन्हे यह पता ही नहीं था कि उनकी जमीन कहां है। इस तरह किसानों को गुमराह करके मिल प्रबंधतंत्र की मिलीभगत से प्रशासन ने नाला खुदवा दिया है। यही नहीं राजेपुर के 6-7 दलितों को भी भूमि का पट्टा दिया गया है सरायरासी मांझा में 13 दलितों को पट्टा मिल है। उन्होंने कहा कि प्रशासन नाला खुदवा रहा है जबकि यह कार्य किसानों की सहमति से होना चाहिए या भूमि का अधिग्रहण करा किसानों को मुआवजा देना चाहिए उन्होंने यह भी कहा कि कानून बन गया है कि अब कोई भी सरकार प्राइवेट कम्पनी के लिए भूमि का अधिग्रहण नहीं कर सकती। इस मौके पर प्रवक्ता चैधरी बलराम यादव, जिलाध्यक्ष गंगा सिंह यादव, दीपू सिंह आदि मौजूद थे।

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