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जीवनपर्यन्त नापाक मंसूबों को नाकाम करते रहे मित्रसेन यादव: ललई

  • पूर्व सांसद स्व. मित्रसेन यादव की मनी तीसरी पुण्यतिथि

  • संघर्ष के साथियों को किया गया सम्मानित

फैजाबाद। साम्प्रदायिक ताकतों के खिलाफ पूर्व सांसद स्व0 मित्रसेन यादव ने हमेशा अपने विचारों से नापाक मंसूबों को नाकाम किया। उन्होंने हमेशा दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, गरीबों, मजदूरों और किसानो की लड़ाई को सड़कों पर लड़कर न्याय दिलाया। यह बातें पूर्व सांसद स्व0 मित्रसेन यादव की तीसरी पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित श्रद्धाजंलि समारोह में मुख्य अतिथि पूर्व ऊर्जा राज्यमंत्री शैलेन्द्र यादव ललई ने कहीं। मिल्कीपुर के कल्याणपुर स्थित किसान इण्टर कालेज में स्व0 मित्रसेन यादव की श्रद्धाजंलि समारोह की अध्यक्षता चैधरी महेन्द्र सिंह व संचालन जय सिंह यादव ने किया। पूर्व ऊर्जा राज्यमंत्री ललई यादव ने कहा कि बाबू जी अपनी निर्भीकता, धर्मनिरपेक्षता और विचारधारा के प्रति अडिग सोच के लिये सदैव एक मिसाल बने रहे। उन्होंने हमेशा संघर्ष कर हक और हकूक की लड़ाई लड़कर कमजोर तबके की हमेशा मदद की। श्रद्धाजंलि समारोह के विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल ने कहा कि बाबू जी ने आजाद भारत की जनता जब महंगाई से परेशान और भ्रष्टाचार से परेशान थी तो बाबू जी महंगाई और भ्रष्टाचार के खिलाफ देश व्यापी आन्दोलन में शरीक को गये। उनका व्यक्तित्व जुझारू था। इस मौके पर पूर्व मंत्री व सपा के राष्ट्रीय महासचिव अवधेश प्रसाद ने कहा कि स्व0 मित्रसेन यादव का कोई मुकाबला नहीं है। वे संघर्षशील नेता थे। सपा जिलाध्यक्ष गंगासिंह यादव ने कहा कि बाबूजी ने हमेशा अपने भाषणों में संघर्ष व आन्दोलन की बात किया करते थे। पूर्व राज्यमंत्री व राष्ट्रीय प्रवक्ता तेजनारायण पाण्डेय पवन ने कहा कि उ0प्र0 विधान सभा का 1977 में सदस्य बनने के बाद वे लगातार पांच बार मिल्कीपुर से विधायक एवं 2012 बीकापुर से विधायक रहे और तीन बार सांसद रहे। बाबू जी संघर्षशील व्यक्ति थे। रूदौली के पूर्व विधायक अब्बास अली जैदी रूश्दी मियाॅं व गोशाईगंज के पूर्व विधायक अभय सिंह ने कहा कि पूर्वांचल में बाबू जी के नाम से विख्यात मित्रसेन यादव ने अपने विचारों के लिये कभी भी समझौता नहीं किया। विधान परिषद सदस्य हीरालाल यादव ने कहा कि बाबू जी ने राजनीतिक दल तो कई बदले परन्तु अपनी वामपंथी, धर्मनिरपेक्ष विचारधारा से कभी समझौता नहीं किया। विधान परिषद सदस्य लीलावती कुशवाहा ने कहा कि बाबू जी ने देश भर के धर्मनिरपेक्ष लोगों को शहीद भवन में एकत्र किया और देश में साम्प्रदायिक ताकतों को चुनौती दे डाली। स्व0 मित्रसेन यादव के पुत्र व पूर्व मंत्री आनन्दसेन यादव ने कहा कि बाबू जी ने हमेशा साम्प्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ाई को बड़ी मजबूती के साथ लड़ते थे। उन्होंने कई चुनाव लड़े और कई चुनाव हारे व जीते लेकिन राजनीति के रास्ते से ही लोगों की लड़ाई को बड़ी मजबूती के साथ लड़ते रहे। वे कहते थे मुझे हार जीत की परवाह नहीं है और वे कहते थे कि अपने सिद्धान्तों के लिये सारी कुर्बानी मुझे मंजूर है। उन्होंने हमेशा संघर्ष की मसाल को जलाये रखा। जिला पंचायत सदस्य इन्दूसेन यादव ने कहा कि बाबू जी के संघर्षों से हम सभी को प्रेरणा लेनी होगी। सपा प्रवक्ता ओम प्रकाश ओमी ने बताया कि श्रद्धाजंलि समारोह में मुख्य अतिथि पूर्व ऊर्जा राज्यमंत्री शैलेन्द्र यादव ललई, विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल व जनपद के पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, विधान परिषद सदस्य, पार्टी के वरिष्ठ नेता व प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों ने स्व0 मित्रसेन यादव की समाधि पर पुष्पाजंलि अर्पित की। इस मौके पर पूर्व मंत्री आनन्दसेन यादव व जिला पंचायत सदस्य इन्दूसेन यादव ने बाबू जी के पुराने संघर्ष के साथी सम्पादक शीतला सिंह, संत प्रसाद यादव, कामरेड सोमनाथ चैहान, राम बुहाल, सतीश चन्द मुंशी, हरिहर पाण्डेय, राजाराम दादा, जमुना प्रसाद निषाद, रामराज वर्मा, बाबूराम यादव, कालिका सिंह को शाल ओढ़ाकर, माला पहनाकर व स्मृति चिन्ह के रूप में बाबू जी का चित्र भेंटकर सम्मानित किया गया। प्रवक्ता ने बताया कि इस मौके पर समाजवादी सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष व लोकगायक चिन्टू सागर की टीम ने बाबू जी के संघर्षों को गीतों के माध्यम से प्रस्तुत किया। इस मौके पर समाजवादी छात्रसभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिमेष प्रताप सिंह राहुल, पूर्व विधान परिषद सदस्य विशाल वर्मा, पूर्व विधायक जयशंकर पाण्डेय, छेदी सिंह, जिला उपाध्यक्ष बाबूराम गौड़, जिला महासचिव बख्तियार खान, कमलासन पाण्डेय, संजय यादव, कृष्ण कुमार पटेल ने भी अपने-अपने विचार रखे।

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