The news is by your side.

अवध विवि में विधि विभाग (एलएलएम पाठ्यक्रम) भवन का हुआ उद्घाटन

भारतीय संवैधानिक व्यवस्था में सभी को प्राप्त है समान अधिकार : प्रो. मनोज दीक्षित

अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के विधि विभाग (एल.एल.एम. पाठ्यक्रम) भवन का उद्घाटन विधि मंत्रोच्चार के साथ किया गया। उद्घाटन समारोह की मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल, इलाहाबाद, उच्च न्यायालय, प्रयागराज थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रम का संचालन हर्ष का विषय है। इससे विद्यार्थियों को बहुत लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय की छा़त्रा होने के नाते मेरे लिए यह अत्यन्त संतोष का विषय है कि स्नातकोत्तर के छात्र अपनी पढ़ाई पूरी कर अपने सपनों को साकार कर सकेंगे। यह उनकी दृढता पर निर्भर करता है कि वे अपने सपनों को किस स्तर तक सफल कर पायेंगे। उन्होंने बताया कि सफलता एक ऐसा शब्द है जिसे प्रत्येक व्यक्ति अपने हिसाब से आकलन करता है। अपने कार्य को लगन व मनोयोग से करें। विश्वविद्यालय का स्वरूप आज बदलता हुआ दिखाई दे रहा है जिसका श्रेय कुलपति प्रो0 दीक्षित को जाता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में इस महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम का संचालन शुरू किया गया है। वर्तमान परिवेश में सभी को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता है। इसी क्रम में प्रो0 दीक्षित ने बताया कि भारतीय संवैधानिक व्यवस्था में सभी को समान रूप से अधिकार प्राप्त है परन्तु अभी सभी को समान अवसर नहीं मिल पाया है। विश्वविद्यालय में लीगल एड् क्लीनिक की स्थापना इसी उद्देश्य से की गई है कि न्याय का समान अवसर सभी को प्राप्त हो सके। प्रो0 दीक्षित ने कहा कि यह स्पस्ट हो चुका है कि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं में कार्य क्षमता की कोई कमी नहीं है बस हर कठिनाई को एक अवसर में परिवर्तित कर दे। प्रति कुलपति प्रो0 एस0एन0 शुक्ल ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की स्थापना इस विश्वविद्यालय के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इससे विद्यार्थियों को उच्च स्तर के अध्ययन में सहायता मिलेगी और विधिक रूप समर्थ विद्यार्थियों को न्याय के क्षेत्र में कार्य करने का अवसर मिलेगा। प्रो0 शुक्ल ने बताया कि न्यायमूर्ति अग्रवाल इसी विश्वविद्यालय की पुरातन छात्रा रही है। यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि आज हमारे बीच न्याय के क्षेत्र में उनका बहुमूल्य सहयोग देश व प्रदेश के जनमानस को मिल रहा है।
कार्यक्रम का प्रारम्भ मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ, स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम भेटकर किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 अजय कुमार सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन विधि संकायाध्यक्ष डॉ0 त्रिभुवन शुक्ल द्वारा किया गया। इस अवसर पर कुलसचिव राम चन्द्र अवस्थी, परीक्षा नियंत्रक उमानाथ, उप कुलसचिव विनय कुमार सिंह, मुख्य नियंता प्रो0 आर0एन0राय, प्रो0 एम0 पी0 सिंह, प्रो0 आर0के0 तिवारी, प्रो0 मृदुला मिश्रा, प्रो0 राजीव गौड़, प्रो0 एस0के रायजादा, प्रो0 चयन कुमार मिश्र, डॉ0 आर0के0 सिंह, प्रो0 अनूप कुमार, प्रो0 विनोद श्रीवास्तव, प्रो0 फारूख जमाल, कार्यपरिषद सदस्य ओम प्रकाश सिंह, के0के0 मिश्र, शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ0 वी0पी0 सिंह, डॉ0 हेंमत सिंह, डॉ0 उदय सिंह, डॉ0 अशोक कुमार राय, बीना अग्रवाल, डॉ0 के0 के0 वाजपेयी, डॉ0 गीतिका श्रीवास्तव, डॉ0 सुरेन्द्र मिश्र, डॉ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी, डॉ0 नरेश चौधरी, डॉ0 शैलेन्द्र वर्मा, डॉ0 अनिल यादव, डॉ0 विनय मिश्र, डॉ0 अर्जुन सिंह, डॉ0 मनीष सिंह, डॉ0 वन्दिता पाण्डेय, डॉ0 आर0एन0 पाण्डेय, आशीष मिश्र सहित अन्य शिक्षकों की उपस्थिति रही।

Advertisements
Advertisements

Comments are closed.