फैजाबाद। भारतीय शिक्षण मण्डल का 48वां स्थापना दिवस समारोह संस्था के अयोध्या कार्यालय के नवनिर्मित स्वामी विवेकानन्द सभागार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व उसके विचार परिवार के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में समारोह पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि डाॅ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्व विद्यालय के कुलपति व भारतीय शिक्षण मण्डल के राष्ट्रीय कार्य परिषद के सदस्य आचार्य मनोज दीक्षित ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच प्रभु श्रीराम, माँ सरस्वती एवं स्वामी विवेकानन्द के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक अमरनाथ जी ने कहा शिक्षा में भारतीयता का संवर्धन भारतीय शिक्षण मण्डल के कार्य का आधार है। 48 वर्ष पूर्व भारतीय शिक्षण मण्डल की स्थापना राष्ट्रवादी शिक्षाविदों ने इतिहास की विसंगतियों को दूर कर विज्ञान साहित्य कला के क्षेत्र में भारत की महान परम्पराओं को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने व भारत में मूल आधारित शिक्षा संस्कृत भाषा ज्ञान का संवर्धन एवम् देश में स्वदेशी मानसिकता का विकास हो, के उद्देश्य के साथ किया गया। आज भारतीय शिक्षण मण्डल शिक्षा के क्षेत्र में सम्पूर्ण देश के सभी प्रान्तों में विशाल वटवृक्ष के रूप ंमे खड़ा हुआ है। इस अवसर पर सुमधुर और उनके साथियों द्वारा ’’ठुमक चलत रामचन्द्र बाजत पैजनिया’’ भजन की उपस्थित लोगो ने जमकर आनन्द लिया। कार्यक्रम में संघ के महानगर प्रचारक अंबेश जी भारतीय शिक्षण मण्डल के अवध प्रान्त के संरक्षक डाॅ. एच.वी.सिंह, अवध विश्व विद्यालय इकाई के अध्यक्ष डाॅ.ए.के.राय, महामंत्री डाॅ. अनुराग पाण्डेय, महानगर अध्यक्ष अमर सिंह, प्रान्त के सहमंत्री राजेश कुमार सिंह, जिलाध्यक्ष धमेन्द्र पाठक, महामंत्री अजय कुमार वर्मा, विनय प्रकाश श्रीवास्तव, इन्द्र कुमार मिश्रा, अरूण कुमार मौर्या, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के उपाध्यक्ष डाॅ. राम नरायन राय, कोषाध्यक्ष डाॅ. आर.के.सिंह, योगाचार्य डाॅ.चैतन्य, संघ के पूर्व प्रचारक रवि तिवारी, भारतीय जनता पार्टी के नेता आलोक सिंह, शिक्षण मण्डल के कार्यालय प्रमुख प्रतीक श्रीवास्तव, राजीव प्रताप सिंह, विद्या भारती के राजकुमार सिंह, भाष्कर सिंह सहित बड़ी संख्या में भारतीय शिक्षण मण्डल और उससे जुड़े संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम में वैदिक विधि विधान से हवन पूजन आचार्य धनंजय मिश्रा एवं पं0 कृपाशंकर द्वारा कराया गया।
Comments are closed.