हल्ले द्वारिकापुर गांव में सत्ता की दहशत से कई परिवारोें ने किया पलायन
अयोध्या। सरेशाम हल्ले द्वारिकापुर के ग्राम प्रधान की हुई हत्या के बाद पुलिस खुलासे के बावजूद अभी भी दहशत का माहौल गांव में छाया है। मरने के बाद भी ग्राम प्रधान की आत्मा को शांति नहीं मिल पा रही है। सत्ता के दबाव में गांव के पालयन कर रहे तमाम यादव परिवार घर वापस लौटने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं इसी वजह से मृतक ग्राम प्रधान के तेरहवीं संस्कार न करने की घोषणा परिवारीजनों ने कर दिया है।
मृतक ग्राम प्रधान के परिजनों का कहना है कि जिस दिन पुलिस ने प्रधान हत्याकाण्ड का खुलासा किया उसी शाम आरोपी पक्ष की तरफ से बीकापुर क्षेत्र की भाजपा विधायक शोभा सिंह चैहान व उनके पुत्र डाॅ. अमित सिंह के दबाव में इनायतनगर थाना पुलिस ने फर्जी प्राथमिकी दर्ज कर आगजनी में दर्जनों लोगों को नामजद कर दिया गया तभी से हल्ले द्वारिकापुर गांव पुलिस छावनी बना हुआ है। पुलिस प्रशासन के दहशत से मृतक ग्राम प्रधान के पक्ष के दर्जनों परिवार घर छोड़कर पलायन कर चुके हैं। दर्ज मुकदमों में गंगाराम, भगौती, संजय, रवीन्दर, जनकराम आदि को नामजद किया गया है जिसके कारण गिरफ्तारी के भय से उपरोक्त लोगों के परिवार घर में ताला लगाकर फरार हो गये है। उन्हें भय सता रहा है कि यदि वह गांव लौटे तो पुलिस उन्हें पकड़कर फर्जी धाराओं में जेल में डाल देगी। यही वजह है कि मृतक ग्राम प्रधान देव शरण यादव के दामाद दीपक यादव ने स्पष्ट कह दिया है कि हम तेरहवीं संस्कार नहीं करेंगे क्योंकि जब परिवार व गांव के लोग सम्मलित नहीं होंगे तो तेरहवीं करने का कोई मतलब नहीं है। उनका कहना है कि विपक्षीजनों के अलावां प्रशासन भी तमाम यादव परिवार को भयभीत कर रहा है जबतक यादवों का परिवार सुरक्षित नहीं होगा तबतक किसी भी तरह का संस्कार नहीं किया जायेगा।
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