फैजाबाद। मातृभूमि पर शीश चढ़ाने वाले अमर शहीद हेमू कालाणी के 94वीं जयन्ती के अवसर पर उ0प्र0 सिन्धी युवा समाज व सिन्धु महिला परिवार ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम आयोजित कर उनके जीवन चरित्र पर चर्चा की। इस मौके पर उनके चित्र पर माल्यार्पण किया गया। पूर्व संध्या पर आयोजित रामनगर कालोनी में शहीद हेमू कालाणी की जयन्ती अवसर पर सिन्धु महिला परिवार की अध्यक्ष मुस्कान सावलानी ने कहा कि हेमू कालाणी का जन्म 23 मार्च, 1924 सिन्ध प्रदेश के जिला सक्खर में हुआ था। श्रीमती सावलानी ने कहा कि 23 अक्टूबर, 1942 के आजादी आन्दोलन में अंग्रेजों की टेªन जो गोला, बारूद से लदी हुई थी जिसे गिराने के लिये हेमू कालाणी ने अपने साथियों के साथ रेल की पटरियों की फिश प्लेटे खोलते समय अंग्रेज सिपाहियों ने पकड़ लिया और जेल में डाल दिया। जेल में उन्हें तरह-तरह की यातनायें दी गयीं। 21 जनवरी, 1943 की सुबह वीर हेमू कालाणी को सक्खर जेल की सूली स्थल पर ले जाया गया फांसी से पहले हेमू का वनज सात से आठ पौंड बढ़ गया था अंग्रेजों ने उनकी अन्तिम इच्छा पूछी तो उन्होंने अपनी अन्तिम इच्छा में यह कहा कि यहाॅं मौजूद सभी लोग मेरे साथ भारत माता की जय के नारे लगायें और सभी ने भारत माता की जय के नारे लगाये उसके बाद उन्हें फांसी दे दी गयी। उ0प्र0 सिन्धी युवा समाज के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश ओमी ने जयन्ती अवसर पर कहा कि आज की युवा पीढ़ी हेमू कालाणी के अमर बलिदान से अंजान है। हिन्दी साहित्य भारतीय भाषाओं की पाठ्य पुस्तकें में इस सपूत का कोई भी जिक्र नहीं मिलता है। जयन्ती के अवसर पर अंजू केवलरामानी, बबिता माखेजा, सीमा रामानी, जमुना माखेजा, रेखा वरियानी, माया देवी, हरीश सावलानी, आनन्द साधवानी, राजेश वरियानी, बन्टी माखेजा, दिशा वरियानी, कु0 माही, कु0 दृष्टि, लविशा वरियानी, सुरेश सावलानी, गौतम पोपटानी, महेश खटवानी, गोपी आडवाणी, कमलेश रूपानी, कुनाल सावलानी आदि ने हेमू कालाणी के चित्र पर माल्यार्पण किया।
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