साहित्यकार घनश्याम जेसवानी का किया गया अभिनन्दन
फैजाबाद। वरिष्ठ साहित्यकार घनश्याम जेसवानी का भव्य स्वागत नगर आगमन पर संत नवलराम दरबार रामनगर में पाखर (शाल) पहनाकर किया गया। संत नवलराम दरबार के मुखिया प्रतिनिधि लधाराम रामानी व उ0प्र0 सिन्धी अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष अमृत राजपाल ने घनश्याम जेसवानी का पाखर पहना कर व वहां स्थित झूलेलाल मन्दिर पर प्रसाद देकर सम्मानित किया। उन्होंने बताया कि घनश्याम जेसवानी उ0प्र0 सिन्धी समाज के वरिष्ठ साहित्यकार भी हैं जिनका जन्म सक्खर (सिन्ध) में हुआ था इनकी आयु लगभग 75 वर्ष है जो कि ’’चांडोकी’’ (सिंधी रसालो) पत्रिका के संम्पादक के साथ-साथ सिंधु साहित्य मण्डल के महामंत्री भी हैं। इनके द्वारा अपनी चर्चित सिंधी पुस्तक अबाणो वतन सिंध (सैर) का भी देवनागरी सिंधी में प्रकाशन किया। इनकी दो पुस्तकेें शीघ्र ही ’’कंवर’’ व ’’विछोंड़ें जूं यादूं’’ (बटवारे का दर्द) प्रकाशित होने वाली हैं इन्होंने सिंधी भाषा, साहित्य, संस्कार, के बचाव व उत्थान पर एवं झूलेलाल जयन्ती पर सिन्धी समाज पर एक जुटता व देश के विकास में सहभागिता आदि अनेक विषयों पर लेख व रचानाऐं लिखी हैं इन्हें राष्ट्रीय सिन्धी महा संघ उत्त्र प्रदेश सिंधी अकादमी, झूलेलाल कमेटी पूज्य सेन्ट्रल पंचायत आदि अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मान दिया जा चुका है। उन्होंने फैजाबाद रामनगर नवलराम दरबार में अपनी कुछ रचनाओं व कविताआंे को साझा करते हुये सभी का मन मोह लिया एवं साथ ही साथ उन्होंने कहा कि पूर्व में उ0प्र0 सिंधी अकादमी के उपाध्यक्ष अमृतराजपाल के नेतृत्व में जो सिंधी भाषा के सरंक्षण व संवर्धन के लिए जो ऐतिहासिक कार्य हुये थे वो आज तक किसी के द्वारा नहीं किये गये चाहे वह 26 जनवरी गणतन्त्र दिवस पर 2016 व 2017 में झांकी हो व अवध विश्वविद्यालय में सिंधी की स्नातक व परास्नातक स्तर पर शिक्षण व्यवस्था हो व प्रदेश के सिधी साहित्यकारेां के सम्मान में आयोजित प्रदेशिक सिंधी साहित्य का सम्मेलन हो व सिंधु दर्शन यात्रा का अनुदान हो या इन्दिरा भवन में पुस्तकालय का उद्घाटन आदि अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जाये जो कि प्रशासनीय व समाजहित में थे। जो कि वर्तमान में ठप पड़े हैं।
पूर्व अकादमी कार्यकारिणी सदस्य/शिक्षक सुखदेव साधवानी ने भी अपनी रचना पाठन के साथ साथ सिन्धी स्नातक व परास्नातक स्तर पर शिक्षण व्यवस्था पर प्रकाश डाला। इस मौक्े पर सिंधु धाम अयोध्या के अध्यक्ष आसूदाराम बत्रा, पुजारी टेकचन्द्र राहेजा, सुनील कुमार, रवि कुमार आदि अनेक लोग मौजूद रहे।
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